प्याज का दर्द है... भाव 100 रु. पार, रसोई में दुर्लभ, मिर्चीबड़ा भी महंगा, रेस्टोरेंट में कॉम्प्लीमेंट्री रहे कांदे की भी कीमत वसूल रहे

आमजन की थाली के साथ ही मेहनतकश लोगों की रोटी का अभिन्न हिस्सा रहने वाला सस्ता प्याज अब मध्यवर्ग की रसोई और होटल्स के मैन्यू तक से गायब हो गया है। कारण, फुटकर बाजार में इसके भाव 100 रुपए किलो के पार पहुंचना। इसके साथ ही प्याज अब पीड़ा भी देने लगा है। दाल-बाटी के साथ काॅम्प्लीमेंट्री दिया जाने वाला कांदा के अब 10 रुपए लिए जा रहे हैं। प्याज के मिर्चीबड़े की रेट भी 2 रुपए किलो बढ़ गई है। शादी-विवाह, रेस्टोरेंट में प्याज की जगह सलाद में मूली, गाजर, टमाटर परोसा जाने लगा है। ग्रीन सलाद में से प्याज गायब हो गया है। यहां तक की कई घरों में प्याज का प्रयोग भी बंद हो गया है। प्याज की महंगाई का ही असर है कि भदवासिया मंडी में दो महीने पहले तक जो प्याज रोजाना 15-20 ट्रक आता था, अब घटकर यह एक ट्रक तक रह गया है। हालत यह है कि नीमच, मंदसौर, राजकोट से अाने वाला यह प्याज भी पूरी तरह नहीं बिक रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग के इस दौर में कुछ शॉपिंग साइट्स ने ग्राहकाें काे अपनी ओर आकर्षित करने के लिए प्याज सस्ती दर पर बेचना शुरू भी किया। फ्लिपकार्ट वैसे तो 133 रु. किलो प्याज बेच रही थी, लेकिन दो दिन पहले भाव 19 रुपए कर दिए थे। हालांकि यह सिलसिला लंबा नहीं चला। लाेगाें काे जैसे ही सस्ते भाव का पता चला, उन्होंने इतना आॅर्डर किया कि यह आउट ऑफ स्टॉक हो गया।

मंडी में पहले 20 ट्रक आते थे, अब 1, दाल-बाटी का साथी प्याज अब फ्री में नहीं

गृहिणियाें ने महंगे प्याज के चलते सब्जियों और अन्य भोजन में प्याज का प्रयोग या तो कम अथवा बंद कर दिया है। दाल-बाटी के साथ प्याज जरूर होता है लेकिन आसमान छूते दाम के कारण दाल-बाटी के भाव 50 की जगह 60 रुपए हो गए हैं। भाटी दाल-बाटी के संचालक सत्यनारायण भाटी ने बताया कि मजबूरी में दाम बढ़ाए हैं। वहीं कई जगह प्याज की मांग करने पर एक्स्ट्रा चार्ज वसूले जा रहे हैं। लहरिया स्वीट्स के मदनलाल, कानजी स्वीट्स के प्रमोद सांखला, महादेव दाल-बाटी के जितेंद्र सोलकी का कहना है कि महंगे प्याज के कारण इसके बने आइटम को नो प्रॉफिट नो लॉस में बेच रहे हैं।

आमजन बोले
बाजार में सब्जी खरीदने आए उदयमंदिर निवासी मोहम्मद रिजवान, एयरफाेर्स निवासी मुकेशसिंह, रातानाडा निवासी रिटायर्ड प्रधानाचार्य महेंद्रसिंह का कहना है कि कांदे की कीमतें कम करने के लिए मुनाफाखोरों व स्टाकिस्टों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार ने बढ़ती कीमतें रोकने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।

2013 में काबू करने सरकार अागे अाई थी: वर्ष 2013 में प्याज की कीमत 135 रुपए किलो तक पहुंच गई थी। तब जोधपुर सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार ने रेलवे स्टेशन सहकार भवन व लालसागर, कुडी भगतासनी, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में काउंटर लगाकर थोक के भाव में मिलने वाले प्याज को रिटेल में बेचा था। इसके बाद में प्याज के भाव कम भी हो गए। इसमें सरकार ने भी सस्ती दरों पर खरीदने के निर्देश दिए थे। इस बार भाव सौ रु. होने के बाद भी उपभोक्ता भंडार व रसद विभाग कुछ नहीं कर रहा है। भंडार के जीएम रामचरण मीणा ने बताया कि काउंटर लगाने के लिए हमारे पास में विभाग से कोई निर्देश नहीं आए हैं।

प्याज के भाव चढ़ने से नमकीन की कई दुकानों पर प्याज के मिर्ची बड़े व प्याज की कचौरी के दाम भी बढ़ गए हैं। कई जगह दाल-बाटी के साथ फ्री दिया जाने वाले प्याज के अलग से पैसे लिए जा रहे हैं।

सस्ता कब
विभाग लाचारी से बोला
कार्यवाहक डीएसओ आरडी बारहठ का कहना है कि प्याज आवश्यक वस्तु अधिनियम में नहीं होने से इसके भाव को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। स्टाॅकिस्ट के पास प्याज की मात्रा ज्यादा होने पर ही कार्रवाई कर सकते हैं। वहीं प्याज की कीमतें सैकड़ा में पहुंचने के बाद भी सभी विभाग चुप हैं। मंडी समितियाें के सचिव सुरेंद्रसिंह का कहना है कि प्याज के दाम को कंट्रोल करने की हमारे पास कोई पाॅवर नहीं है। सरकार से निर्देश आने पर ही कुछ किया जा सकता है।

1 माह में भाव 40 रु. चढ़े

नवंबर में प्याज 60 रुपए किलो बिक रहा था।

भदवासिया मंडी 
80 रु.

पावटा मंडी 90 रु.

रातानाडा 90-100

सरदारपुरा, जलजोग, शास्त्रीनगर 100+

मंडी में आ रहा सड़ा-गला प्याज

भदवासिया मंडी में नासिक, मंदसौर, गुजरात के राजकोट, गोंडल से प्याज आ रहा है। वहां भी बारिश से काफी प्याज खराब हुआ था। वहां से आ रहे प्याज में भी काफी सड़ा-गला आ रहा है। मंडी में व्यापारियों को मजदूर लगाकर प्याज को अलग-अलग करवाना पड़ रहा है।

ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर भी भाव 140 रु. तक पहुंचा

सस्ते सामान का दावा करने वाली ऑनलाइन शॉपिंग साइट भी प्याज कम दाम में नहीं बेच पा रही हैं। यहां भी प्याज की कीमतें 99 से 140 रुपए/किलो तक पहुंच गई है। एक वेबसाइट 79 रुपए किलो दे रही है लेकिन वहां भी प्याज आउट ऑफ स्टॉक हो गया है। बिग बॉस्केट पर 109 रु., रिलायंस मार्ट 99 रु., फ्रेश फल सब्जी 108 रु., अमेजन 140 रु. किलो बेच रहे हैं। इधर, ग्रुफर्स ने भाव 103 रुपए से घटाकर 79 का ऑफर दिया है, लेकिन इसके लिए इंतजार करना होगा।